चंडीगढ़: किसानों के दिल्ली कूच की तैयारी को देखते हुए अंबाला जिले के कुछ हिस्सों में 14 दिसंबर से 17 दिसंबर तक इंटरनेट सेवाएं बंद रहेंगी। यह आदेश हरियाणा सरकार के गृह विभाग ने जारी किया है। यह कदम दूरसंचार अधिनियम, 2023 और दूरसंचार (सेवाओं का अस्थायी निलंबन) नियम, 2024 के तहत उठाया गया है।
क्यों लिया गया यह कदम?
आदेश के मुताबिक, इंटरनेट सेवाओं के अस्थायी निलंबन का उद्देश्य शांति और कानून व्यवस्था बनाए रखना और अफवाहों का प्रसार रोकना है। प्रशासन की तरफ से आशंका जताई जा रही है कि किसानों का जत्था दिल्ली कूच करेगा, और इस दौरान इंटरनेट का दुरुपयोग किया जा सकता है, जिससे गलत सूचना और अफवाहों का प्रसार हो सकता है।
101 किसानों का जत्था दिल्ली की ओर बढ़ेगा
पंजाब और हरियाणा के किसान पिछले 10 महीनों से प्रदर्शन कर रहे हैं और अब 101 किसानों का जत्था दिल्ली की ओर बढ़ने की योजना बना रहा है। इन किसानों की मुख्य मांगें एमएसपी (न्यूनतम समर्थन मूल्य) सहित कई अन्य मुद्दों को लेकर हैं।
दिल्ली कूच के मद्देनजर हरियाणा में 14 दिसंबर सुबह 06:00 बजे से 17 दिसंबर रात 11:59 बजे तक अंबाला के कुछ क्षेत्रों में इंटरनेट सेवा बंद की गई है।
किसी भी अफवाह से बचने के लिए इंटरनेट सेवा बंद
प्रशासन ने इंटरनेट सेवाओं के निलंबन का मुख्य कारण बताया है कि व्हाट्सएप, फेसबुक, ट्विटर जैसे सोशल मीडिया प्लेटफार्मों के माध्यम से गलत सूचना और अफवाहें फैल सकती हैं। इसके अलावा, आंदोलनकारियों और प्रदर्शनकारियों की भीड़ कभी-कभी हिंसक हो जाती है, जिससे आगजनी, बर्बरता और अन्य प्रकार की हिंसक गतिविधियों के जरिए सार्वजनिक और निजी संपत्तियों को नुकसान हो सकता है।
किस-किस क्षेत्र में इंटरनेट बंद रहेगा?
यह आदेश अंबाला जिले के निम्नलिखित गांवों और क्षेत्रों में लागू होगा:
.ढंग डेयरी
.लोहगढ़
.मानकपुर
.डडियाना
.बारी घेल
.छोटी घेल
.लरसा
.कालू माजरा
.देवी नगर (हीरा नगर, नरेश विहार)
.सद्दोपुर
.सुल्तानपुर
.काकरू
इन क्षेत्रों में शांति और सार्वजनिक व्यवस्था में कोई भी गड़बड़ी रोकने के लिए यह कदम उठाया गया है।
किसानों की ओर से समर्थन
इस बीच, पंजाब और हरियाणा के किसान अपने एमएसपी समेत कई अन्य मांगों को लेकर दिल्ली जाने की कोशिश कर रहे हैं। शनिवार को, स्टार पहलवान और कांग्रेस किसान मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष बजरंग पूनिया शंभू बॉर्डर जाकर किसानों को समर्थन देने जाएंगे।
निष्कर्ष
हरियाणा सरकार का यह कदम किसानों के दिल्ली कूच को देखते हुए सार्वजनिक व्यवस्था को बनाए रखने और इंटरनेट का गलत उपयोग रोकने के लिए उठाया गया है। हालांकि, किसानों और उनके समर्थकों के लिए यह एक महत्वपूर्ण समय है, और उनके आंदोलन को लेकर देशभर में व्यापक राजनीतिक चर्चा हो रही है।